एडिटर इन चीफ यशपाल सिंह 9369773932
के ब्लॉक गुजैनी कानपुर नगरश्री बाला जी कंप्यूटर क्लासेज कैलेंडर के अनुसार माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को देवी मां सरस्वती का प्राकट्य दिवस मनाया जाता है। ग्रंथों के अनुसार इस दिन देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। तब देवताओं ने देवी स्तुति की। स्तुति से वेदों की ऋचाएं बनीं और उनसे वसंत राग। इसलिए इस दिन को वसंत पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस बार कल यानी 14 फरवरी , बुधवार को वसंत पंचमी का पर्व मनाया जाएगा। वसंत का सीधा सा अर्थ है सौन्दर्य, शब्द का सौन्दर्य, वाणी का सौंदर्य, प्रकृति का सौंदर्य ,प्रवृत्ति का सौंदर्य। प्रकृति के आंचल में जब अनेकानेक पुष्प मुस्कारते हैं, जब कोयल की कूक कानों में मिठास घोलती है, जब पेड़ पुष्प अपना परिधान बदलते हैं और जब वाणी मधुरता का अमृतपान कराती है ,तो सुनते देखते ही पहला शब्द निकलता है वाह… अद्भुत… विलक्षण.. अनुपम । वास्तव में यही बसंत है तभी तो इसे रितुराज की संज्ञा दी गई है। रितु विचिका में दो ऐसे मास हैं, जो हमारे मन को सीधे सीधे प्रभावित करते हैं, एक सावन और दूसरा बसंत। दोनो ही मास को साहित्य, समाज, समरसता, संगीत और सकारात्मकता से जोड़ा गया है।
रिपोर्ट शिवम पाल यूपी फास्ट 24 न्यूज़ कानपुर नगर